Wireless EV Charging: ट्रैफिक सिग्नल पर हो सकेगी EV की charging!

Wireless EV Charging तकनीक EV को बिना किसी तार के चार्ज करने की एक नई और बेहतर तरीका है। यह तकनीक अभी विकास के प्रारंभिक चरण में है, लेकिन भविष्य में EV Charging को आसान और सुविधाजनक बनाने की क्षमता रखती है। इस लेख में हम Wireless EV Charging तकनीक, इसके फायदे और भारत में इस तकनीक के भविष्य के बारे में जानेंगे।

वायरलेस ईवी चार्जिंग क्या है? (What is Wireless EV Charging?)

Wireless EV Charging
Source: Electric Vehicle Info

Wireless EV Charging, जैसा कि नाम से पता चलता है, ईवी को बिना किसी तार के चार्ज करने की एक तकनीक है। यह पारंपरिक तरीके से अलग है जहां ईवी को चार्ज करने के लिए एक चार्जिंग केबल की आवश्यकता होती है।

वायरलेस चार्जिंग में, ईवी में एक रिसीवर होता है जो वायु में प्रसारित किए जा रहे रेडियो तरंगों को पकड़ता है। ये रेडियो तरंगें चार्जिंग स्टेशन से भेजी जाती हैं जो विद्युत ऊर्जा को वायरलेस संकेतों में बदल देता है। रिसीवर इन संकेतों को फिर से विद्युत ऊर्जा में बदल देता है और ईवी बैटरी को चार्ज करता है। इस प्रकार, कोई भी तार या केबल की आवश्यकता नहीं होती।

वायरलेस ईवी चार्जिंग के फायदे Benefits of wireless EV charging

wireless EV charging कई पारंपरिक तरीकों से बेहतर है:

1. सुविधा Facility

वायरलेस चार्जिंग के कारण इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को अपनी गाड़ी को प्लग इन करने या ऊपरी केबलों से जूझने की जरूरत नहीं है। वे बस चार्जिंग स्टेशन पर अपनी गाड़ी पार्क कर सकते हैं और चार्जिंग खुद ही हो जाएगी।

2. तेज चार्जिंग fast charging

वायरलेस सिस्टम तेज चार्जिंग की अनुमति देता है, जो पारंपरिक चार्जरों की तुलना में काफी तेज हो सकती है। कुछ वायरलेस चार्जर 15-20 मिनट में ही आधी बैटरी चार्ज कर सकते हैं।

3. सुरक्षा Security

वायरलेस चार्जिंग में कोई खुला कनेक्शन नहीं होता है, इसलिए यह पारंपरिक प्लग-इन चार्जिंग की तुलना में अधिक सुरक्षित है। चूंकि कोई केबल नहीं होता, इसलिए किसी को उसे खींचने या उसमें गड़बड़ करने का खतरा नहीं होता।

4. आसान स्थापना easy installation

wireless EV charging स्टेशन को लगाना और उनका रखरखाव करना आसान होता है क्योंकि उन्हें केबल और विद्युत उपकरणों की तुलना में कम स्थान की आवश्यकता होती है। उन्हें पार्किंग स्थलों और हाईवे पर आसानी से स्थापित किया जा सकता है।

5. भविष्य के लिए तैयार Prepare for the future

वायरलेस चार्जिंग भविष्य के लिए एक आदर्श तकनीक है क्योंकि यह इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक सक्षम बनाती है और ईवी के लोकप्रिय होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए वायरलेस चार्जिंग जल्द ही मानक बन सकती है।

Read Also: PLI Scheme:केंद्र ईवी बैटरियों के लिए एक और पीएलआई योजना कर सकता है – Union Minister R K Singh

भारत में वायरलेस ईवी चार्जिंग का भविष्य Future of Wireless EV Charging in India

Wireless EV Charging
Source: India Times

भारत में, Wireless EV Charging अभी शुरुआती दौर में है। हालांकि, सरकार और कई कंपनियां इस तकनीक को अपनाने के लिए उत्सुक हैं। भारत सरकार ने हाल ही में वायरलेस ईवी चार्जिंग पर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है जो इस तकनीक के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

सरकार का समर्थन Government Support

भारत सरकार ने फोस (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) योजना के तहत वायरलेस ईवी चार्जिंग पर 1000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी धन आवंटित किया गया है।

ट्रैफिक सिग्नलों पर वायरलेस चार्जर Wireless charger at traffic signals

दिल्ली में, सड़क परिवहन मंत्रालय एक प्रयोग के तौर पर ट्रैफिक सिग्नल पर वायरलेस चार्जर लगाने जा रहा है। इससे ईवी के ड्राइवर ट्रैफिक सिग्नल पर रुके हुए समय में अपनी गाड़ी को चार्ज कर पाएंगे। यह ट्रैफिक के बेहतर प्रवाह और ईवी के ज्यादा इस्तेमाल में मदद करेगा।

निजी क्षेत्र में रुचि Interest in private sector

भारतीय ईवी निर्माता और चार्जिंग कंपनियां भी वायरलेस चार्जिंग में रुचि दिखा रही हैं। टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अन्य प्रमुख ईवी निर्माता इस तकनीक पर शोध कर रहे हैं और जल्द ही अपने वाहनों के लिए वायरलेस चार्जिंग समाधान ला सकते हैं।

इसके अलावा, चार्जिंग कंपनियां भी वायरलेस चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में रुचि दिखा रही हैं। उदाहरण के लिए, टाटा पावर ने हाल ही में मुंबई में वायरलेस ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाया है।

LetsEMove
Logo
1 kilowatt Solar Panel Price: 1 kw सोलर सिस्टम लगाने में कितना खर्चा आएगा? दिल्ली के लोगो को सोलर उत्पादन के लिए पैसा दिया जाएगा Solar Panal Lagvain Bilkul free Where is Tesla in space? This 340 million Tesla Megapack Kapolei Energy Storage System